Hi All,
This is a call from one's heart to someone who is yet unknown and hidden behind veil.
This is a call from one's heart to someone who is yet unknown and hidden behind veil.
छलकती गागर ...
चाहत के इस पल को आज फिर हमने गवां दिया,
चला गया जो दिन, वो जीवन से मिटा दिया,
किसी अक्स की चाह में हम आज भी ज़िंदा है,
उमीदों भरी मंज़िल को, रास्ते में भुला दिया।
जब आगे बढे हम खोजने किसी को,
हाथ लगी जो, सिर्फ परछाई थी,
दिन के उजाले में हमने,
आज उस परछाई को भी गवां दिया।
समंदर किनारे चलते हुए, जब पीछे देखा,
तो किसी के क़दमों के निशाँ को साथ साथ पाया,
उमीदों की इन लहरों ने आज,
उन निशानों को भी मिटा दिया।
तेरी तकरार, तेरी मीठी बात,
तेरी हर उस याद को, संजो कर रखा था हमने,
झोंका एक हवा का जो आया,
संजोए मोतियों को बिखरा दिया।
प्यार के उन पालो का एक महल सा बनाया था,
तेरी मुस्कुराहटो से, आवाज़ों से उसको सजाया था,
कम्पन एक उठी जो दिल में कही,
आज उस महल की दीवारों को भी तुड़वा दिया।
सवाल है उस ईश्वर से, सब को बनाने वाले से,
इस देह को मेरी बनाकर, एक दिल तो दिया होता,
धरती पे यूँ उतार मुझे अकेला,
क्यों इस दिल का दूसरा भाग, बनाकर मिटा दिया।
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